1. अंतरिक्ष में भारत की गूंज: शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक पहला संदेश
* अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुँचने के बाद शुभांशु शुक्ला ने हिंदी में अपना पहला संदेश भेजा, जिसने पूरे भारत को गौरवान्वित किया।1
* उनके शब्दों ने देश को अंतरिक्ष से जोड़ने का काम किया: “नमस्कार दोस्तों, मैं अंतरिक्ष से बोल रहा हूं। अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है… जय हिंद, जय भारत।”
* इस संदेश ने न केवल उनकी सफल यात्रा की पुष्टि की बल्कि अंतरिक्ष में भारत की उपस्थिति को भी दृढ़ता से स्थापित किया।
2. प्रधानमंत्री मोदी के साथ ऐतिहासिक संवाद: ‘होमवर्क’ और भविष्य की योजनाएँ
* आज ही (28 जून, 2025) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला से बातचीत की, जो भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल था।2
* पीएम मोदी का ‘होमवर्क’: प्रधानमंत्री ने शुभांशु से कहा कि उन्हें ‘गगनयान’ मिशन को आगे बढ़ाना है और भारत का अपना स्पेस स्टेशन बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करना है। यह भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है।
* शुभांशु का जवाब: शुभांशु ने विश्वास दिलाया कि वह मिशन के प्रशिक्षण से मिली सीख को “स्पंज की तरह एब्जॉर्ब” कर रहे हैं और लौटकर यह अनुभव देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने अंतरिक्ष से भारत को “बड़ा भव्य” बताया।
3. ISS पर शुभांशु का अनुभव: चुनौतियों और अनुकूलन
* शुभांशु ने बताया कि ISS पर शुरुआती दिनों में उन्हें “अच्छा महसूस नहीं हो रहा था” और लॉन्च के समय बहुत नींद आ रही थी।
* शून्य गुरुत्वाकर्षण में जीवन: उन्होंने बताया कि वे अंतरिक्ष में बच्चों की तरह चलना और खाना सीख रहे हैं, जो शून्य गुरुत्वाकर्षण में अनुकूलन की चुनौतियों को दर्शाता है।
* सामुदायिक भावना: ISS दल द्वारा गर्मजोशी से स्वागत और उनके साथ भारतीय पकवान (गाजर का हलवा, मूंग का हलवा) साझा करने का अनुभव।
4. Ax-4 मिशन और वैज्ञानिक प्रयोगों का महत्व
* शुभांशु Axiom Mission 4 (Ax-4) के पायलट हैं, जो भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गगनयान मिशन की तैयारी का हिस्सा है।
* वैज्ञानिक योगदान: वह अगले 14 दिनों तक ISS पर रहेंगे और 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे, जिनमें 7 भारतीय प्रयोग शामिल हैं। ये प्रयोग खाद्य और पोषण पर केंद्रित हैं और भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेंगे।
5. भारत के लिए एक गौरवशाली अध्याय
* शुभांशु शुक्ला ISS पर पहुँचने वाले पहले भारतीय हैं, जो राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बने हैं।
* यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ती है और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
* यह दर्शाता है कि भारत मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला करेंगे स्पेस में 7 बड़े वैज्ञानिक प्रयोग
भारत को एक और बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि मिली है। भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष मिशन पर भेजा जा रहा है, जहां वे मानव जीवन, बायोलॉजी, टेक्नोलॉजी और स्पेस इन्वायरमेंट पर 7 महत्वपूर्ण प्रयोग करेंगे। यह मिशन उन्हें नासा आगे पढ़ें….