नई दिल्ली | 25 जून 2025
भारत को एक और बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि मिली है। भारतीय वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष मिशन पर भेजा जा रहा है, जहां वे मानव जीवन, बायोलॉजी, टेक्नोलॉजी और स्पेस इन्वायरमेंट पर 7 महत्वपूर्ण प्रयोग करेंगे। यह मिशन उन्हें नासा और इसरो के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले गिने-चुने भारतीय वैज्ञानिकों की श्रेणी में लाता है।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला एक युवा और होनहार वैज्ञानिक हैं, जो Axiom Space के तहत इस अंतरराष्ट्रीय मिशन में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने एरोस्पेस और बायोटेक्नोलॉजी में उच्च शिक्षा प्राप्त की है और कई प्रतिष्ठित शोध पत्रों में उनका नाम आ चुका है।
7 बड़े प्रयोग करेंगे शुभांशु शुक्ला:
1. मानव DNA पर माइक्रोग्रैविटी का प्रभाव
स्पेस में गुरुत्वाकर्षण न के बराबर होता है, जिससे मानव कोशिकाओं और DNA पर असर पड़ता है। इसका अध्ययन भविष्य की स्पेस यात्रा को सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।
2. स्पेस में पौधों की वृद्धि
भविष्य में मंगल या चंद्रमा पर जीवन बसाने के लिए वहां खेती संभव हो या नहीं – इसका जवाब ढूंढने के लिए यह प्रयोग बेहद अहम है।
3. बायोफार्मास्यूटिकल्स पर माइक्रोग्रैविटी के असर
क्या स्पेस में दवाएं बेहतर बनाई जा सकती हैं? इसका पता लगाने के लिए शुभांशु यह प्रयोग करेंगे।
4. जल पुनर्चक्रण तकनीक का परीक्षण
स्पेस में पानी की कमी एक गंभीर चुनौती है। इस प्रयोग में एक नई रीसायक्लिंग तकनीक का परीक्षण होगा।
5. स्पेस रेडिएशन का प्रभाव
अंतरिक्ष में मौजूद रेडिएशन मानव शरीर पर किस तरह असर डालता है, यह जानना बेहद ज़रूरी है।
6. AI आधारित रोबोट सहायक का टेस्ट
क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्पेस में इंसानों की मदद कर सकता है? इस प्रयोग के ज़रिए इसका मूल्यांकन किया जाएगा।
7. भारतीय तकनीकों की जांच
भारत में विकसित कुछ वैज्ञानिक उपकरणों और सेंसरों को अंतरिक्ष में टेस्ट किया जाएगा।
🇮🇳 भारत के लिए गर्व का क्षण
यह मिशन भारत की विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में बढ़ती ताकत को दर्शाता है। शुभांशु शुक्ला का यह प्रयास आने वाले समय में भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा।