दिल्ली में स्ट्रे डॉग्स पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
दिल्ली में आवारा कुत्तों (Stray Dogs) का मुद्दा लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है, जिसके तहत सभी स्ट्रे डॉग्स को शेल्टर होम (Shelter Home) में भेजा जाएगा। कोर्ट के इस आदेश के बाद से राजधानी में हलचल मच गई है—कई लोग इसे जानवरों की सुरक्षा के लिए सही कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे निर्दयी और गलत बता रहे हैं.
सोशल मीडिया पर बवाल
महिलाने दिया बीजेपी को श्राप महिलाने मंदिर मै वीडियो बनाया बहुत इमोशनल वीडियो कहा वीडियो मै हमने बच्चों के जैसे पाला हम जान दे देंगे पर लेके जाने नहीं देंगे
फैसले के बाद ट्विटर (X), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #StrayDogs, #DelhiDogs, #SupremeCourtDecision जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कुछ लोगों ने वीडियो पोस्ट करके कुत्तों के साथ अपने लगाव को दिखाया, तो कुछ ने सड़क सुरक्षा के लिए कोर्ट के कदम का समर्थन किया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: क्या है पूरा मामला?
11 अगस्त, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से सभी स्ट्रे डॉग्स को हटाकर शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह निर्णय बढ़ते कुत्ते के काटने और रेबीज के मामलों को देखते हुए लिया। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि “बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए कुत्तों को सड़कों से हटाया जाना चाहिए।” 14
मुख्य बिंदु:
- 8 हफ्तों का समय: अधिकारियों को सभी स्ट्रे डॉग्स को शेल्टर में ले जाने के लिए 8 हफ्ते का समय दिया गया है।
- शेल्टर होम का निर्माण: दिल्ली और आसपास के इलाकों में 5,000 कुत्तों की क्षमता वाले शेल्टर बनाए जाएंगे।
- सीसीटीवी और मेडिकल सुविधा: इन शेल्टरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और स्टरलाइज़ेशन, वैक्सीनेशन की सुविधा होगी।
- विरोध करने वालों पर कार्रवाई: कोर्ट ने साफ कहा कि अगर कोई इस आदेश में बाधा डालता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- कुत्तों को वहां चिकित्सा सुविधा और भोजन उपलब्ध कराया जाए।
- स्थानीय निकाय और एनजीओ मिलकर इस योजना को लागू करें।
दिल्ली CM रेखा गुप्ता का बयान
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा:
“हमारी सरकार, यानी बीजेपी सरकार, ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। हमारा उद्देश्य है कि इंसानों और जानवरों के बीच संतुलन बना रहे, साथ ही जनता की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।”
उन्होंने बताया कि जल्द ही शहर में शेल्टर होम की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि सभी पकड़े गए कुत्तों को सुरक्षित स्थान मिल सके।
सरकार की योजना:
ह्यूमेन पॉलिसी: कुत्तों को सुरक्षित तरीके से शेल्टर में ले जाया जाएगा। पब्लिक सेफ्टी: बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होगी। म्युनिसिपल बॉडीज के साथ मिलकर काम: दिल्ली सरकार नगर निगम और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगी।
लोगों की प्रतिक्रिया: समर्थन और विरोध
में स्ट्रे डॉग्स सुप्रीम कोर्ट के फैसले समर्थन में:
- आरडब्ल्यूए (RWA) और आम जनता: कई रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन्स ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि सड़कों पर कुत्तों के झुंड से लोग डरते हैं, खासकर रात के समय।
- पीड़ित परिवार: अर्जुन सेन, जिनके 12 साल के बेटे को कुत्ते ने काट लिया था, ने कहा कि “कुत्तों को हटाना जरूरी है ताकि दूसरों को यह दर्द न झेलना पड़े।” 6
में स्ट्रे डॉग्स सुप्रीम कोर्ट के फैसले विरोध में:
- पशु अधिकार संगठन: PETA और रेड पॉज़ रेस्क्यू जैसे संगठनों ने कहा कि यह आदेश “अव्यावहारिक और क्रूर” है। उनका तर्क है कि इतने कम समय में इतने बड़े पैमाने पर कुत्तों को शेल्टर में रखना संभव नहीं है।
- मेनका गांधी: पूर्व केंद्रीय मंत्री और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने कहा कि “यह आदेश वित्तीय रूप से संभव नहीं है और पारिस्थितिक संतुलन को नुकसान पहुंचाएगा।” 26
- जन आंदोलन: चेंज.डॉटओआरजी पर एक पेटीशन को 3.7 लाख से ज्यादा लोगों ने साइन किया, जिसमें कहा गया कि “स्ट्रे डॉग्स हमारे समुदाय का हिस्सा हैं, उन्हें हटाना गलत है।”
आवारा कुत्तों का मुद्दा: सुप्रीम कोर्ट का रुख और समाधान के विकल्प सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के स्थानांतरण और मारने पर रोक लगाई.
भारत में आवारा कुत्तों का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आवारा कुत्तों को हटाने या मारने पर रोक लगा दी है। CJI (मुख्य न्यायाधीश) डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि जानवरों के प्रति क्रूरता नहीं बरती जानी चाहिए। CJI न्यायमूर्ति गवई ने कहा, “हम इस मामले पर गौर करेंगे,” जिससे यह स्पष्ट होता है कि आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर है।