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आवारा कुत्तों का मुद्दा: सुप्रीम कोर्ट का रुख और समाधान के विकल्प

आवारा कुत्तों का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट, ABC प्रोग्राम

आवारा कुत्ते, सुप्रीम कोर्ट, ABC प्रोग्राम

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के स्थानांतरण और मारने पर रोक लगाई.

भारत में आवारा कुत्तों का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आवारा कुत्तों को हटाने या मारने पर रोक लगा दी है। CJI (मुख्य न्यायाधीश) डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि जानवरों के प्रति क्रूरता नहीं बरती जानी चाहिए। CJI न्यायमूर्ति गवई ने कहा, “हम इस मामले पर गौर करेंगे,” जिससे यह स्पष्ट होता है कि आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट गंभीर है।

सुप्रीम कोर्ट का पिछला फैसला और नए आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही आवारा कुत्तों के स्थानांतरण या उन्हें मारने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस समस्या का समाधान टीकाकरण (Vaccination) और नसबंदी (Sterilization) जैसे वैज्ञानिक तरीकों से किया जाना चाहिए। हालांकि, कुछ स्थानीय न्यायालयों और नगर निगमों द्वारा आवारा कुत्तों को हटाने या उन्हें मारने के आदेश जारी किए गए, जिसके बाद यह मुद्दा फिर से चर्चा में आया।

आवारा कुत्तों से जुड़ी चुनौतियाँ

  1. सार्वजनिक सुरक्षा का मुद्दा – आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज जैसी घातक बीमारियाँ फैल सकती हैं।

  2. पर्यावरण और स्वच्छता पर प्रभाव – आवारा कुत्तों की अधिक संख्या से सड़कों और आवासीय क्षेत्रों में गंदगी बढ़ती है।

  3. जानवरों के अधिकार बनाम मानव सुरक्षा – इस मुद्दे पर पशु प्रेमी और आम जनता के बीच मतभेद हैं।

आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट के सुझाव

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:

1. ABC (Animal Birth Control) Program को बढ़ावा

टीकाकरण (Vaccination) – रेबीज जैसी बीमारियों को रोकने के लिए जरूरी।

2. स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी

3. कानूनी पहलू

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भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 11–12 अगस्त 2025 को दिल्ली-NCR में स्थित स्थानीय निकायों को भटके हुए कुत्तों को तुरंत पकड़कर शेल्टर में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि चाहे कुत्ते स्टेरिलाइज्ड हों या न हों, उन्हें सड़क पर नहीं छोड़ा जाए। उत्तर दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाज़ियाबाद की प्रशासनिक एजेंसियों को छह से आठ सप्ताह के भीतर कम से कम 5,000 कुत्तों के लिए उपयुक्त शेल्टर बनाने का निर्देश दिया गया, जिनमें सीसीटीवी, वैक्सीनेशन और स्टेरिलाइजेशन की सुविधा होनी चाहिए । साथ ही एक हेल्पलाइन भी स्थापित करने का आदेश था, ताकि कुत्तों के काटने की रिपोर्ट चार घंटे में दर्ज और कार्रवाई की जा सके । Read more…

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