
राजस्थान के चुरू में प्लेन क्रैश
राजस्थान के चुरू में विमान हादसा – खेत में गिरा प्लेन
राजस्थान के चुरू जिले में 9 जुलाई 2025 को हुई जगुआर विमान दुर्घटना एक दुखद घटना थी, जिसमें भारतीय वायुसेना के दो जांबाज पायलट शहीद हो गए। यह हादसा चुरू के रतनगढ़ क्षेत्र के भाणुदा गांव के पास एक खेत में हुआ, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी।
दुर्घटना का विस्तृत विवरण
विमान का प्रकार और मिशन: दुर्घटनाग्रस्त विमान भारतीय वायुसेना का दो सीटों वाला जगुआर प्रशिक्षक विमान था, जो एक नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था।
- हादसे का समय: यह दुखद घटना दोपहर करीब 12:40 बजे से 1:25 बजे के बीच हुई। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने आसमान से तेज आवाज़ के साथ जलता हुआ विमान जमीन पर गिरते देखा।
- दुर्घटनास्थल और प्रभाव: विमान रतनगढ़ के भाणुदा गांव के सीकराली रोड पर चारणान मोहल्ला के निकट स्थित बीड़ (खुले खेत) में गिरा। गिरने के बाद जोरदार धमाका हुआ और खेतों में आग लग गई। विमान का मलबा करीब 200 फीट के दायरे में बिखर गया, जिसमें विमान के टुकड़े और मानव शरीर के अंग भी पाए गए।
- पायलटों की शहादत: इस हादसे में विमान में सवार दोनों पायलटों की दुखद मौत हो गई। उनके शवों के टुकड़े मलबे से बरामद किए गए। भारतीय वायुसेना ने पायलटों की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। दुर्घटना में शहीद हुए पायलटों में से एक की पहचान फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषिपाल सिंह देवड़ा के रूप में हुई है, जो पाली के खिमांदी गांव के रहने वाले थे। दूसरे पायलट के नाम की जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है, लेकिन वायुसेना ने पुष्टि की है कि दोनों पायलटों की जान चली गई।
- बचाव और जांच कार्य: दुर्घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और अग्निशमन दल की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। सेना की राहत और जांच टीमें भी जल्द ही घटनास्थल पर पहुंच गईं। भारतीय वायुसेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (आंतरिक जांच) का गठन किया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विमान में तकनीकी खराबी को हादसे की वजह बताया जा रहा है।
जगुआर विमान और हाल की दुर्घटनाएं
यह 2025 में भारतीय वायुसेना के जगुआर विमान की तीसरी दुर्घटना थी। इससे पहले:
- 7 मार्च 2025 को हरियाणा के अंबाला में एक जगुआर विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में पायलट सुरक्षित इजेक्ट करने में सफल रहे थे।
- 2 अप्रैल 2025 को गुजरात के जामनगर के पास भी एक जगुआर विमान क्रैश हुआ था, जिसमें एक पायलट की मौत हो गई थी।
जगुआर विमान भारतीय वायुसेना के बेड़े का एक पुराना हिस्सा है, जिसे 1960 के दशक में बनाया गया था और यह लगभग 40 सालों से वायुसेना में सेवा दे रहा है। इन लगातार दुर्घटनाओं ने जगुआर बेड़े की सुरक्षा और उनके पुराने होने को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। कुछ विशेषज्ञों ने इसकी तुलना “उड़ते ताबूत” कहे जाने वाले मिग-21 विमान से भी की है।
भारतीय वायुसेना ने इन हादसों के बावजूद अपने बहादुर पायलटों की शहादत को सलाम किया है और देश के प्रति उनके समर्पण को याद किया है। साथ ही, इन दुर्घटनाओं ने पुराने विमान बेड़े को अपग्रेड करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है।
जांच जारी
हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। साथ ही, एयरफोर्स और DGCA की तकनीकी टीमें भी जांच में जुट गई हैं। शुरुआती जांच में तकनीकी खराबी को हादसे का कारण माना जा रहा है।
गनीमत रही कि जान-माल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ
प्लेन के खेतों में गिरने से आसपास के लोगों या संपत्ति को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। यह राहत की बात रही कि पायलट को समय पर उपचार मिल गया और कोई जानलेवा स्थिति नहीं बनी।