
वॉशिंगटन/इस्लामाबाद – पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में एक अहम बैठक हुई है। इस मुलाकात ने राजनीतिक हलकों और रणनीतिक विशेषज्ञों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मुलाकात का उद्देश्य क्या था?
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक अमेरिका के एक प्राइवेट वेन्यू पर हुई, जहां दोनों नेताओं के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा, अफगानिस्तान की स्थिति, और भारत-पाकिस्तान तनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
ट्रंप की ओर से क्या संकेत?
हालांकि ट्रंप की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह मुलाकात 2024 के अमेरिकी चुनावों की तैयारी के बीच हुई है। ट्रंप प्रशासन में पाकिस्तान को सैन्य सहायता मिलती रही थी, और यह बैठक उस रणनीति की पुनः वापसी का संकेत हो सकती है।
पाकिस्तान की रणनीति
पाकिस्तान की सेना हमेशा से अमेरिका से सामरिक संबंध बनाए रखने की इच्छुक रही है। मौजूदा आर्थिक संकट, IMF की शर्तें और भारत के साथ रिश्तों में तनाव को देखते हुए यह मुलाकात पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है।
भारत की नज़र
भारत इस मुलाकात पर पैनी नजर बनाए हुए है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रंप फिर से सत्ता में आते हैं, तो अमेरिका की दक्षिण एशिया नीति में बदलाव आ सकता है।
निष्कर्ष:
जनरल मुनीर और डोनाल्ड ट्रंप की यह मुलाकात केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि आने वाले भू-राजनीतिक समीकरणों की भूमिका तय कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका-पाक रिश्तों पर इसका क्या असर होता है और भारत इसमें क्या रुख अपनाता है।