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पटना, 28 जून 2025 – बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने राज्य में मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश में जानबूझकर बड़ी संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। तेजस्वी ने इस प्रक्रिया को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा, “यह बिहार के लोगों को वोटिंग अधिकार से वंचित करने की साजिश है।”
क्या है मामला?
हाल ही में कई जिलों से शिकायतें सामने आई हैं कि मतदाता सूची से बड़ी संख्या में लोगों के नाम गायब हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों के भी लोग शामिल हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने न तो नाम हटाने का कोई आवेदन दिया था और न ही उन्हें कोई पूर्व सूचना दी गई।
तेजस्वी यादव का बयान
तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“यह एक सुनियोजित साजिश है जिससे खास वर्ग के लोगों को वोटिंग से रोका जाए। लोकतंत्र की आत्मा मताधिकार है, उसे छीनने की कोशिश निंदनीय है।”
उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि वो इस पूरे मामले की तत्काल जांच करवाए और जिन लोगों के नाम काटे गए हैं, उन्हें वापस जोड़ा जाए।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
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हालांकि अब तक चुनाव आयोग की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों के अनुसार, शिकायतों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की जा सकती है।
विपक्ष का आरोप – सत्ता पक्ष की चाल?
राजद और विपक्षी दलों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया सत्ता पक्ष की शह पर हो रही है, जिससे चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। वहीं, बीजेपी और एनडीए खेमे ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है।
बिहार में मतदाता सूची को लेकर उठे विवाद ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। तेजस्वी यादव के इस तीखे बयान के बाद अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
बिहार में वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण शुरू
बिहार में वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण अभियान 25 जून 2025 से शुरू हो गया है और यह प्रक्रिया 26 जुलाई 2025 तक चलेगी, जिसके बाद अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को जारी की जाएगी आगे पढ़े