
मुंबई: दादर कबूतरखाना पर आखिरकार प्लास्टिक शीट, सेहत के लिए ज़रूरी कदम BMC की कार्रवाई
पिछले कुछ दिनों से, मुंबई के दादर में एक अलग ही कहानी चल रही है. एक तरफ है कबूतरों को दाना खिलाने की दशकों पुरानी परंपरा, और दूसरी तरफ है सार्वजनिक स्वास्थ्य की चिंता. इस खींचतान के बीच, BMC ने आखिरकार अपना कदम बढ़ा दिया है.
दादर कबूतरखाना पर BMC की कार्रवाई
दादर का मशहूर कबूतरखाना, जो सिर्फ एक जगह नहीं बल्कि एक पहचान बन गया था, अब प्लास्टिक की चादरों से ढक दिया गया है. यह कार्रवाई ऐसे ही नहीं हुई, इसके पीछे बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश था, जिसने BMC को शहर में सार्वजनिक रूप से कबूतरों को खिलाने पर रोक लगाने के लिए कहा था. वजह साफ थी: कबूतरों की बढ़ती संख्या और उनके मल से फैलने वाली बीमारियाँ, जो लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा बन रही थीं.
पहला प्रयास और निवासियों का विरोध
BMC ने जब पहली बार इस जगह को ढकने की कोशिश की, तो उन्हें स्थानीय लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. ट्रस्ट और 1000 से ज़्यादा लोग सड़कों पर उतर आए. उनकी चिंता यह थी कि अगर कबूतरखाना अचानक बंद कर दिया गया, तो कबूतर बिना खाने-पानी के मर जाएंगे. उनका यह मानवीय पहलू समझना ज़रूरी था.
फिर से कार्रवाई और पुलिस की मदद
लेकिन जब बात कानून और सार्वजनिक स्वास्थ्य की हो, तो पीछे हटना मुश्किल होता है. 2 अगस्त की शाम को BMC ने दोबारा कार्रवाई शुरू की. इस बार पुलिस भी मौजूद थी, ताकि काम बिना किसी रुकावट के हो सके. देखते ही देखते, बांस के ढाँचे खड़े किए गए और पूरे कबूतरखाने को प्लास्टिक से ढक दिया गया.
सेहत का सवाल: करुणा या संकट
यह फैसला लेना आसान नहीं था. कई लोग इसे कबूतरों के प्रति क्रूरता मान रहे हैं, लेकिन डॉक्टर और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं. KEM अस्पताल की डॉ. अमिता अथवले ने बताया कि कबूतरों के मल से Pigeon Breeder’s Lung जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं, जो फेफड़ों को हमेशा के लिए खराब कर सकती हैं. ‘चकाचक दादर’ समूह के चेतन कांबळे की बात सही लगती है, “यह करुणा नहीं, बल्कि एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है.”
BMC ने अब तक सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को खिलाने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया है और जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रही है ताकि लोग इस खतरे को समझ सकें. यह कार्रवाई बताती है कि परंपरा और भावनाओं से ऊपर, कभी-कभी हमें सबके भले के लिए कड़े फैसले लेने पड़ते हैं.
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