हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और कांगड़ा जिलों में मंगलवार देर रात हुए भीषण बादल फटने की घटनाओं ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। कई जगहों पर भारी बारिश के कारण नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए।
⚠️ दो मौतें, कई लापता
कुल्लू के बंजार और सैंज घाटी क्षेत्र में कई ग्रामीण अपने घरों समेत बह गए। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, कांगड़ा में दो मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि कुल्लू में 10 से अधिक लोगों के लापता होने की आशंका है।
मनिकरण घाटी, गड़सा, और रैला बिहाल जैसे क्षेत्रों में लोगों के घरों में पानी घुस गया और यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
राहत और बचाव कार्य तेज
राज्य सरकार ने NDRF और SDRF की टीमें तैनात कर दी हैं। स्थानीय प्रशासन ने स्कूल बंद करने और पर्यटकों को ऊपरी इलाकों में न जाने की चेतावनी दी है। हेलीकॉप्टर की मदद से कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
पर्यटक परेशान, जाम में फंसे
मनाली में फिलहाल हजारों पर्यटक छुट्टियां मनाने आए हुए हैं। लेकिन भारी बारिश और सड़क अवरोधों के चलते होटलों में फंसे हैं या फिर रास्तों में घंटों से ट्रैफिक जाम में फंसे हुए हैं।
अटल टनल, हिडिंबा मंदिर, और मनु मंदिर जैसे इलाकों में गाड़ियों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
सीएम ने किए 63 करोड़ के विकास कार्यों के उद्घाटन
इस आपदा के बीच, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आनी क्षेत्र में ₹63 करोड़ के विकास कार्यों की शुरुआत की। इसमें सड़क, सिंचाई और पेयजल परियोजनाएं शामिल हैं। सरकार ने जल्द ही हिल एरिया इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का वादा भी किया।
निष्कर्ष: कुल्लू-मनाली की खूबसूरत वादियों में जहां एक ओर प्राकृतिक आपदा ने तबाही मचाई है, वहीं दूसरी ओर पर्यटकों की भीड़ और प्रशासनिक चुनौतियाँ भी सामने आई हैं।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वो गैरज़रूरी यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।