निश्चित रूप से! परमाणु हथियारों से जुड़ी नवीनतम रिपोर्टों और जानकारियों का विवरण यहाँ दिया गया है, जो हाल के समाचार लेखों पर आधारित है:
दुनिया में परमाणु हथियारों की वर्तमान स्थिति (SIPRI रिपोर्ट 2025 के अनुसार):
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट (जून 2025 में जारी) वैश्विक परमाणु हथियारों की स्थिति पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। रिपोर्ट के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
* कुल वैश्विक परमाणु हथियार: जनवरी 2025 तक, दुनिया भर में कुल 12,241 परमाणु हथियार मौजूद हैं।
* सैन्य भंडार (Military Stockpiles): इनमें से 9,614 हथियार सैन्य भंडार (सक्रिय या संभावित उपयोग के लिए तैयार) में हैं।
* तैनात हथियार (Deployed Weapons): लगभग 3,912 परमाणु हथियार पहले से ही मिसाइलों या विमानों पर तैनात हैं।
* उच्च सतर्कता (High Alert): लगभग 2,100 हथियार, जिनमें से अधिकांश अमेरिका और रूस के हैं, बैलिस्टिक मिसाइलों पर उच्च सतर्कता की स्थिति में हैं।
परमाणु हथियार संपन्न देश और उनकी संख्या (जनवरी 2025 तक):
दुनिया के नौ देशों के पास परमाणु हथियार हैं, और वे सभी अपने परमाणु आधुनिकीकरण कार्यक्रमों को तेजी से जारी रखे हुए हैं:
* रूस:
* संख्या: लगभग 5,580 (कुल)
* तैनात: लगभग 1,710
* विवरण: रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। वह अपने पुराने सोवियत-युग के हथियारों को आधुनिक बना रहा है और नई वितरण प्रणालियों (delivery systems) का विकास कर रहा है। यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में, रूस ने कई बार परमाणु हमलों की धमकी दी है और अपनी परमाणु नीति (जो परमाणु हथियारों के उपयोग की परिस्थितियों को परिभाषित करती है) को अपडेट किया है, जिससे राज्य के अस्तित्व और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए परमाणु हथियारों के उपयोग की सीमा का विस्तार हुआ है।
* अमेरिका (USA):
* संख्या: लगभग 5,044 (कुल)
* तैनात: लगभग 1,770
* विवरण: अमेरिका के पास रूस के बाद दूसरे सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। वह भी अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहा है, जिसमें नए बमवर्षक, मिसाइलें और पनडुब्बियां शामिल हैं।
* चीन:
* संख्या: लगभग 500 (जनवरी 2025 तक, 2024 में 410 से बढ़ी)
* तैनात: लगभग 24 (हालांकि यह संख्या तेजी से बढ़ रही है)
* विवरण: चीन तेजी से अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, वह प्रति वर्ष औसतन 100 नए हथियार जोड़ रहा है और उसने 350 से अधिक ICBM (Intercontinental Ballistic Missile) साइलो (लॉन्चिंग ढांचे) तैयार कर लिए हैं। चीन बहु-युद्धक क्षमता वाली मिसाइलों का भी विकास कर रहा है।
* फ्रांस:
* संख्या: लगभग 290
* विवरण: फ्रांस यूरोप में एक प्रमुख परमाणु शक्ति है। वह अपनी पनडुब्बियों, क्रूज मिसाइलों और मौजूदा परमाणु प्रणालियों को उन्नत करने पर काम कर रहा है।
* ब्रिटेन (United Kingdom):
* संख्या: लगभग 225
* विवरण: ब्रिटेन अपने परमाणु हथियारों की संख्या में फिलहाल वृद्धि नहीं कर रहा है, लेकिन भविष्य के लिए चार नई परमाणु-पनडुब्बियों के निर्माण की योजना बनाई है।
* भारत:
* संख्या: लगभग 180 (जनवरी 2025 तक, 2024 में 172 से बढ़ी)
* विवरण: भारत लगातार अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहा है और साथ ही उन्हें लॉन्च करने के लिए नई और बेहतर तकनीक भी तैयार कर रहा है। SIPRI रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने “कैनिस्टराइज्ड” मिसाइलें विकसित की हैं, जो शांति काल में भी परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता प्रदान करती हैं और प्रति मिसाइल कई हथियार ले जाने में सक्षम हैं।
* पाकिस्तान:
* संख्या: लगभग 170
* विवरण: पाकिस्तान भी अपनी नई वितरण प्रणालियों का विकास कर रहा है और विखंडनीय सामग्री का संचय जारी रखे हुए है, जिससे अगले दशक में उसके शस्त्रागार में संभावित वृद्धि हो सकती है। वह भी बहु-युद्धक क्षमता वाली मिसाइलों का विकास कर रहा है।
* इजराइल:
* संख्या: लगभग 90 (अनुमानित, क्योंकि इजराइल सार्वजनिक रूप से अपने परमाणु हथियारों को स्वीकार नहीं करता है)
* विवरण: इजराइल ने 2024 में मिसाइल टेक्नीकरण और डिमोना में अपने रिएक्टर साइट को उन्नत किया है।
* उत्तर कोरिया:
* संख्या: लगभग 50 (या 50-58)
* विवरण: उत्तर कोरिया तेजी से अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। उसने “टैक्टिकल परमाणु हथियार” विकसित करने की बात कही है और लगभग 40 और हथियार बनाने की क्षमता रखता है। वह भी दोहरी क्षमता वाली मिसाइलों का आधुनिकीकरण कर रहा है।
मुख्य चिंताएं और रुझान:
* आधुनिकीकरण और विस्तार: सभी परमाणु सशस्त्र देश अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण और कुछ मामलों में विस्तार कर रहे हैं।
* सामरिक परमाणु हथियार: कुछ देश, जैसे उत्तर कोरिया, सामरिक परमाणु हथियारों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो युद्ध के मैदान में उपयोग किए जा सकते हैं।
* पारदर्शिता की कमी: चीन, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया अपने परमाणु शस्त्रागार के बारे में बहुत कम सार्वजनिक जानकारी देते हैं, जिससे वैश्विक पारदर्शिता की कमी बनी हुई है।
* शस्त्र नियंत्रण संधियों का क्षरण: शीत युद्ध के बाद परमाणु हथियारों में कमी लाने की दिशा में जो प्रगति हुई थी, वह अब रुकती दिख रही है, और कई देशों के बीच शस्त्र नियंत्रण संधियों का क्षरण हो रहा है।
* भू-राजनीतिक तनाव: यूक्रेन युद्ध और अन्य वैश्विक तनावों के कारण परमाणु हथियारों का खतरा पहले से कहीं अधिक महसूस किया जा रहा है।
यह जानकारी विभिन्न प्रतिष्ठित स्रोतों जैसे SIPRI, विकिपीडिया, जागरण जोश, हिंदु
स्तान, नवभारत टाइम्स, और आज तक पर आधारित है।