
भूमिका:
आज के दौर में जब पत्रकारिता TRP और सनसनी की दौड़ में उलझ चुकी है, वहीं Shubhankar Mishra का एक पॉडकास्ट एपिसोड ताज़ी हवा की तरह सामने आया। Khan Sir के साथ उनका “Unplugged” एपिसोड सिर्फ एक इंटरव्यू नहीं, सोच बदलने वाली बातचीत थी।
क्या खास था इस इंटरव्यू में?
शिक्षा प्रणाली
प्रश्न:
“आज की शिक्षा व्यवस्था छात्रों को क्या सिखा रही है – सिर्फ नौकरी या सोचने की क्षमता?”
Khan Sir का उत्तर:
हमारी व्यवस्था में आज भी सिलेबस और मार्क्स से आगे की बात नहीं होती। जब तक हम curiosity-based learning पर ज़ोर नहीं देंगे, तब तक असली बदलाव संभव नहीं।
💍 शादी पर बयान
प्रश्न:
“आपने कहा है कि आप शादी तब करेंगे जब देश सुधरेगा – क्या ये संकल्प सच है?”
उत्तर:
हां, ये मज़ाक नहीं है। मुझे लगता है कि अगर समाज को बेहतर बनाना है, तो पहले खुद को समर्पित करना पड़ेगा। देश पहले, बाकी बाद में।
🧠 Youth की दिशा
प्रश्न:
“आज का युवा भटका हुआ है या दबाव में है?”
उत्तर:
युवा दिशाहीन नहीं हैं, बस उन्हें सही नेतृत्व और सोचने का मौका नहीं मिलता। पढ़ाई सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं, समाज के लिए होनी चाहिए।
🗳️ राजनीति में आने की सोच
प्रश्न:
“अगर आपको जनता कहे, तो क्या आप चुनाव लड़ेंगे?”
उत्तर:
मैं नेता नहीं, शिक्षक रहना चाहता हूँ। लेकिन अगर ज़रूरत पड़ी और जनता कहे, तो मैं सेवा के लिए तैयार हूँ।
🚨 Operation Sindoor और समाज सुधार
प्रश्न:
“Operation Sindoor के पीछे आपका मकसद क्या था?”
उत्तर:
इस ऑपरेशन का उद्देश्य था– बाल विवाह, नशाखोरी, और जातिगत भेदभाव जैसी समस्याओं पर सीधा वार। हम सिर्फ बोलने नहीं, बदलाव करने निकले हैं।
🕊️ व्यक्तिगत प्रेरणा
प्रश्न:
“आपको प्रेरणा कहां से मिलती है?”
उत्तर:
मेरे छात्र मेरे प्रेरणास्त्रोत हैं। जब एक बच्चा कहता है “सर, आपने मेरी ज़िंदगी बदल दी”, वो ही मेरी सैलरी है, वो ही मेरी ताकत।
🔚 निष्कर्ष:
Shubhankar Mishra के सवाल गहरे थे – नाटकीय नहीं, बल्कि सोचने पर मजबूर करने वाले। Khan Sir की सादगी, स्पष्टता और देशभक्ति ने इस बातचीत को सिर्फ पॉडकास्ट नहीं, एक सोशल दस्तावेज बना दिया।
1 thought on “Unplugged with Khan Sir” – Shubhankar Mishra ने पूछे वो सवाल, जो आम पत्रकार नहीं पूछते””