
क्रोएशिया/इटली, 18 जून 2025
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की G7 शिखर सम्मेलन में बड़ी उम्मीदों के साथ पहुंचे थे, लेकिन समिट के अंत में वह नए सैन्य सहयोग और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात दोनों से वंचित रह गए। यह यूक्रेन के लिए एक रणनीतिक और कूटनीतिक झटका माना जा रहा है।
🇺🇸 ट्रंप से नहीं हो सकी मुलाकात
ज़ेलेंस्की की योजना थी कि वह ट्रंप से व्यक्तिगत या अनौपचारिक मुलाकात करें, ताकि अगर ट्रंप 2024 में दोबारा सत्ता में आते हैं, तो यूक्रेन-अमेरिका संबंधों को लेकर स्पष्टता मिल सके। लेकिन सम्मेलन में ऐसा कोई मौका नहीं बना। ट्रंप की ओर से भी इस दिशा में कोई उत्सुकता नहीं दिखाई गई।
🛡 अमेरिका से नई सैन्य सहायता की उम्मीदें टूटीं
यूक्रेन ने आशा की थी कि अमेरिका उसकी एयर डिफेंस, लॉन्ग-रेंज मिसाइल सिस्टम, या अन्य हथियारों की मांग को स्वीकार करेगा। लेकिन G7 में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने कोई नई सैन्य सहायता घोषित नहीं की। अमेरिका पहले ही यूक्रेन को काफी मदद दे चुका है और अब घरेलू राजनीति व चुनावी माहौल को देखते हुए वह अतिरिक्त सहायता देने से बच रहा है।
🌍 यूरोपीय देशों से मिला सीमित समर्थन
G7 के अन्य सदस्य देशों – जैसे कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी – ने ज़ेलेंस्की के साथ एकजुटता जरूर दिखाई, लेकिन उनकी घोषणाएं मुख्यतः प्रतीकात्मक और राजनीतिक समर्थन तक ही सीमित रहीं। आर्थिक सहायता और मानवीय सहयोग की बातें हुईं, लेकिन युद्ध के मैदान में तत्काल उपयोगी किसी नई मदद का वादा नहीं किया गया।
📣 ज़ेलेंस्की की प्रतिक्रिया
ज़ेलेंस्की ने सम्मेलन के बाद मीडिया से कहा,
“हम सहयोग की उम्मीद में आए थे और कुछ सकारात्मक बातचीत भी हुई, लेकिन युद्ध को समाप्त करने के लिए हमें ठोस कदमों की ज़रूरत है, केवल शब्दों की नहीं।”
📌 निष्कर्ष
G7 सम्मेलन से राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को वह समर्थन नहीं मिला जिसकी उन्हें आवश्यकता थी। ट्रंप से दूरी और अमेरिका की ठंडी प्रतिक्रिया ने यूक्रेन की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। इस स्थिति में ज़ेलेंस्की को अब अपने रणनीतिक विकल्पों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता