गुजरात के वडोदरा में पुल गिरा, परिवार समेत 11 लोगों की दर्दनाक मौत
वडोदरा, गुजरात:
गुजरात के वडोदरा जिले में गंभीर पुल (Gambhira bridge) का एक हिस्सा ढह जाने से कम से कम 11 लोगों की दुखद मौत हो गई है, जिनमें एक ही परिवार के कई सदस्य भी शामिल हैं। यह घटना बुधवार सुबह हुई जब पुल का एक हिस्सा महिसागर नदी में गिर गया, जिससे उस पर से गुजर रहे कई वाहन भी नदी में जा गिरे।
मृतकों में दो बच्चे भी शामिल हैं। नौ लोगों को बचा लिया गया है, जिनमें से कुछ घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्घटना के बाद बचाव अभियान जारी है, जिसमें एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें शामिल हैं।
यह पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता था और लगभग 40 साल पुराना था। स्थानीय लोगों ने पहले भी पुल की खराब हालत को लेकर शिकायतें की थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है, साथ ही मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं। इस जांच से हादसे के पीछे के कारणों का पता चलने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की उम्मीद है।
कैसे हुआ हादसा?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुल पर एक साथ कई वाहन गुजर रहे थे। अचानक बीच का हिस्सा धंस गया और पुल का बड़ा भाग नदी में समा गया। कई गाड़ियाँ और दुपहिया वाहन नीचे गिर गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और राहत दलों को सूचना दी।
बचाव कार्य जारी
घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए। NDRF और फायर ब्रिगेड की टीमों ने मौके पर पहुंचकर नदी में गिरे वाहनों की तलाश शुरू की। अब तक 11 शव निकाले जा चुके हैं, जबकि कुछ लोग लापता बताए जा रहे हैं।
एक ही परिवार उजड़ गया
इस हादसे में सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि एक ही परिवार के तीन सदस्य—पति, पत्नी और उनकी बेटी—इस दुर्घटना का शिकार हो गए। पूरे इलाके में शोक का माहौल है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹4 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है और घायलों का मुफ्त इलाज कराने के निर्देश दिए हैं।
पुल की स्थिति पर सवाल
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह पुल काफी पुराना था और कई बार इसकी मरम्मत की मांग की गई थी। अब इस हादसे के बाद प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
वडोदरा में गंभीर पुल (गंभीरा ब्रिज) के ढहने से हुई त्रासदी के बाद, पुल की स्थिति और उससे संबंधित कई महत्वपूर्ण विवरण सामने आ रहे हैं:
निर्माण और आयु:
- यह पुल महिसागर नदी पर बना था और वडोदरा तथा आणंद जिलों को जोड़ता था।
- इसका निर्माण 1981 में शुरू हुआ था और इसे 1985 में जनता के लिए खोला गया था। यानी, यह पुल लगभग 40 से 45 साल पुराना था।
- यह पुल मध्य गुजरात को सौराष्ट्र क्षेत्र से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग था।
- पुल की लंबाई लगभग 900 मीटर थी और इसे 23 खंभे सहारा देते थे।
जर्जर स्थिति और पुरानी शिकायतें:
- स्थानीय लोगों और कुछ अधिकारियों ने लंबे समय से इस पुल की जर्जर स्थिति को लेकर चेतावनी दी थी।
- पुल “सुसाइड पॉइंट” के नाम से भी कुख्यात था, जिससे इसकी कमजोर स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
- यह आरोप लगाया जा रहा है कि पुल पर भारी वाहनों का आवागमन लगातार जारी था, जबकि यह अब भारी यातायात के लिए उपयुक्त नहीं था।
- कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, स्थानीय विधायक चैतन्य सिंह झाला ने पहले ही इस पुल की जर्जर स्थिति को लेकर चेतावनी दी थी और एक नए पुल की मांग भी की थी। इसके बावजूद, पुल पर आवाजाही को नहीं रोका गया।
- विपक्ष ने भी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि मोरबी पुल हादसे (2022) के बावजूद सरकार ने सबक नहीं लिया।
रखरखाव का दावा और हकीकत:
- गुजरात के मंत्री ऋषिकेश पटेल ने घटना के तुरंत बाद कहा कि पुल का निर्माण 1985 में किया गया था और “ज़रूरत के मुताबिक़, इसका रखरखाव समय-समय पर किया जाता था।”
- हालांकि, स्थानीय लोगों और कुछ रिपोर्टों के अनुसार, पुल को मरम्मत की सख्त ज़रूरत थी, लेकिन उसकी मरम्मत नहीं की गई।
- एक नए पुल के निर्माण की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह काम शुरू नहीं हो पाया था।
ढहने का कारण:
- बुधवार को हुई भारी बारिश को पुल के ढहने का एक तात्कालिक कारण माना जा रहा है। नदी में जल स्तर भी बढ़ा हुआ था।
- शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि पुल का एक बड़ा “स्लैब” ढह गया, जिससे उस पर से गुजर रहे वाहन नदी में गिर गए।
- हालांकि, पुल के ढहने के पीछे सटीक तकनीकी कारण (संरचनात्मक दोष, सामग्री की खराबी, अत्यधिक भार, या रखरखाव की कमी) की जांच के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तकनीकी विशेषज्ञों को घटनास्थल पर पहुंचने और हादसे के कारण की जांच का निर्देश दिया है।
यह स्पष्ट है कि गंभीर पुल लंबे समय से जर्जर स्थिति में था और इसकी मरम्मत व रखरखाव को लेकर गंभीर लापरवाही हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप यह दुखद हादसा हुआ।
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