
निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) शुरू किया है। यह 2003 के बाद पहली बार इतने बड़े स्तर पर किया जा रहा है।
- यह प्रक्रिया पूरे बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लगभग 7.89 करोड़ मतदाताओं को कवर करेगी।
- 77,000+ बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और 1 लाख से ज्यादा वालंटियर्स घर-घर जाकर फॉर्म भरवा रहे हैं।
बिहार में वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण अभियान 25 जून 2025 से शुरू हो गया है और यह प्रक्रिया 26 जुलाई 2025 तक चलेगी, जिसके बाद अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को जारी की जाएगी।1 यह अभियान आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची को त्रुटिरहित और अद्यतन बनाने के लिए किया जा रहा है।2 बिहार में यह प्रक्रिया 22 साल बाद (पिछली बार 2003 में) हो रही है।3
विशेष पुनरीक्षण के मुख्य बिंदु:
- उद्देश्य: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल योग्य भारतीय नागरिक ही मतदाता सूची में शामिल हों।4 इसमें फर्जी मतदाताओं को बाहर करना और सभी पात्र नागरिकों को शामिल करना शामिल है।5 रैपिड शहरीकरण, बार-बार प्रवासन, नए योग्य मतदाता, और मृत्यु की रिपोर्ट न होने जैसे कारणों से यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है।प्रक्रिया:बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे।6
गणना प्रपत्र (Enumeration Forms – EF) की छपाई और घर-घर वितरण कार्य शुरू हो चुका है।7
ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।8
जिन मतदाताओं के नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं थे, उन्हें अपनी पात्रता साबित करने के लिए जन्म तिथि और स्थान का प्रमाण देना होगा।
- 1 जुलाई 1987 के बाद और 2 दिसंबर 2004 से पहले जन्मे लोगों को अपने माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करने होंगे।
- शामिल मतदाता: बिहार में वर्तमान में लगभग 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें से 4.96 करोड़ मतदाताओं के नाम पहले से ही 1 जनवरी 2023 की सूची में हैं, जिनका केवल सत्यापन किया जा रहा है।9दस्तावेजों की जरूरत
- 2003 से पहले मतदाता बने लोग: उन्हें केवल एक फॉर्म में पुष्टि करनी है।
- 2003 के बाद मतदाता बने और नए वोटर्स: उन्हें पहचान और जन्मतिथि का प्रमाण देना होगा।
ज़रूरी दस्तावेज़:
- जन्म प्रमाणपत्र
- स्कूल की मार्कशीट या पासबुक
- पासपोर्ट / राशन कार्ड / माता-पिता के दस्तावेज
अहम तारीखें:
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- फॉर्म जमा करने की आख़िरी तारीख: 26–27 जुलाई 2025
- ड्राफ्ट लिस्ट प्रकाशित: 1 अगस्त 2025
- आपत्ति और दावा की अवधि: 1 सितंबर 2025 तक
- अंतिम मतदाता सूची: 30 सितंबर 2025
विवाद और विरोध
विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को लेकर विरोध जताया है:
- तेजस्वी यादव ने कहा – “यह बिहार के लोगों को वोटिंग अधिकार से वंचित करने की साजिश है।”
- टीएमसी, कांग्रेस, CPI-ML और ओवैसी ने इसे NRC की शुरुआत करार दिया।
- TMC नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इसे “नाजी युग की नीति” जैसा बताया।
आयोग की सफाई
ECI ने कहा है कि यह प्रक्रिया:
- पूरी तरह संवैधानिक, पारदर्शी और जरूरी है।
- नागरिकता और सही पहचान सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।
- किसी भी समुदाय को निशाना नहीं बनाया गया है।
- सभी पार्टियों और स्थानीय प्रतिनिधियों की निगरानी में हो रही है।
सारांश
- बिहार में वोटर लिस्ट की बड़ी छंटनी और पुष्टि अभियान चल रहा है।
- कई लोगों को नए दस्तावेज देने होंगे, नहीं तो नाम हट सकता है।
- विपक्ष इसे छुपा हुआ NRC बता रहा है, जबकि ECI इसे कानूनी प्रक्रिया कह रहा है।
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