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अभिषेक शर्मा की कहानी: गाँव से एशिया कप 2025 तक, युवराज सिंह की कोचिंग से निखरी बल्लेबाज़ी

Abhishek Sharma celebrating fifty in Asia Cup 2025 vs Pakistan

credit BCCI

क्रिकेट की दुनिया में कभी-कभी कोई युवा खिलाड़ी ऐसा उभरता है जो न सिर्फ अपने खेल से, बल्कि अपनी कहानी से भी सबका दिल जीत लेता है। ऐसे ही एक नाम हैं – अभिषेक शर्मा। यह नाम आज हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पर है। साल 2024 का IPL हो या फिर भारतीय टीम में तेजी से हो रही उनकी एंट्री, अभिषेक ने एक ऐसी छाप छोड़ी है जो लंबे समय तक याद रखी जाएगी।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सफर इतना आसान नहीं था? एक वक्त था जब अभिषेक का नाम एक ‘स्टार्टिंग केस’ से जुड़ा था। आइए, आज हम अभिषेक शर्मा के इसी शानदार सफर को विस्तार से जानते हैं – उनके संघर्ष, उनकी सफलता, और सबसे महत्वपूर्ण, उनके ‘गुरु’ युवराज सिंह के साथ अद्भुत रिश्ते के बारे में।

वह शुरुआती दौर: एक प्रतिभाशाली युवा का उदय

अभिषेक शर्मा का जन्म 4 सितंबर 2000 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। बचपन से ही उनमें क्रिकेट का जुनून साफ दिखाई देता था। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में पंजाब की तरफ से जल्द ही अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी। एक मिडिल-ऑर्डर के लेफ्ट-हैंड बल्लेबाज और हाथ से धीमी लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज के तौर पर उनकी प्रतिभा चमकने लगी।

2018 में, महज 17 साल की उम्र में, उन्हें अंडर-19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का कप्तान चुना गया। उस टूर्नामेंट में शुभमन गिल, प्रथम शaw जैसे दिग्गज युवा खिलाड़ी भी थे। अभिषेक ने न केवल कप्तानी में अच्छा प्रदर्शन किया, बल्कि टीम को फाइनल तक भी पहुंचाया। इसी सफलता के बाद, उन्हें IPL 2018 में दिल्ली कैपिटल्स ने खरीदा। यह वह प्लेटफॉर्म था जहां से उनके करियर ने रफ्तार पकड़नी शुरू की।

द टर्निंग प्वाइंट: वह ‘स्टार्टिंग केस’ वाली घटना

लेकिन हर सफलता की कहानी में एक मोड़ आता है। अभिषेक के लिए यह मोड़ थोड़ा अलग था। साल 2020 की बात है, जब अभिषेक और उनके कुछ साथी IPL के बबल में कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में एक ‘स्टार्टिंग केस’ बन गए। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने टीम के होटल के बाहर अनधिकृत लोगों से मुलाकात की थी।

यह घटना एक बड़ा सेटबैक थी। मीडिया में खूब सुर्खियां बनीं, आलोचना हुई। एक युवा खिलाड़ी के लिए यह मानसिक रूप से बहुत कठिन समय होता है। लेकिन अभिषेक ने इस घटना को एक सीख के तौर पर लिया। उन्होंने इस अनुभव से खुद को और मजबूत बनाया। उनकी इस परिपक्वता ने साबित कर दिया कि वह न केवल एक बेहतरीन खिलाड़ी, बल्कि एक मजबूत इंसान भी हैं। इसके बाद से उनका फोकस पूरी तरह से क्रिकेट पर केंद्रित हो गया।

IPL में धमाका: सनराइजर्स हैदराबाद का सुपरस्टार

साल 2022 में अभिषेक को सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) ने खरीदा। यहीं से उनके करियर ने नई उड़ान भरी। शुरुआत में तो उन्हें ओपनिंग का मौका नहीं मिला, लेकिन 2023 के सीजन में टीम मैनेजमेंट ने उन्हें ट्रेविस हेड के साथ ओपनिंग का मौका दिया। और फिर क्या था? अभिषेक ने इस मौके को पूरी तरह से भुनाया।

लेकिन IPL 2024 वह सीजन था जिसने अभिषेक शर्मा को एक स्टार बना दिया। उन्होंने ट्रेविस हेड के साथ मिलकर IPL इतिहास के कुछ सबसे धमाकेदार पारियां खेलीं। उनकी बल्लेबाजी में एक अलग ही तरह का आत्मविश्वास और निडरता दिखाई दी। उन्होंने 484 रन बनाए, जिसमें दो शतक भी शामिल थे। हैदराबाद के तूफानी ओपनिंग जोड़ी ने पूरे टूर्नामेंट में धूम मचा दी और अभिषेक को भारतीय टीम में वापसी के लिए एक मजबूत दावेदार बना दिया।

गुरु और शिष्य: युवराज सिंह का जादू

अभिषेक की इस अभूतपूर्व सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ है, उनके ‘गुरु’ और कोच युवराज सिंह का। अभिषेक, युवराज सिंह के पिता और पूर्व भारतीय फास्ट बॉलर योगराज सिंह द्वारा चलाए जा रहे अकादमी के प्रोडक्ट हैं। लेकिन युवराज सिंह ने खुद अभिषेक को गोद ले लिया और उनकी मेन्टॉरशिप की।

युवराज और अभिषेक का रिश्ता सिर्फ कोच और खिलाड़ी का नहीं, बल्कि एक बड़े भाई और छोटे भाई जैसा है। युवराज ने अभिषेक में क्या बदलाव किए?

  1. मेंटल स्ट्रेंथ: युवराज खुद अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं। उन्होंने अभिषेक को मानसिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्हें सिखाया कि विफलता से कैसे निपटना है और सफलता को कैसे हैंडल करना है।

  2. गेम सेंस: युवराज ने अभिषेक को सिखाया कि मैच की स्थिति के हिसाब से कैसे खेलना है। कब आक्रमण करना है और कब गेंद को रोकना है, यह समझ विकसित करने में युवराज का बहुत बड़ा योगदान है।

  3. फीयरलेस एप्रोच: युवराज की खुद की बल्लेबाजी एक निडर अंदाज की थी। उन्होंने अभिषेक में भी यही गुण भरा। आज अभिषेक की ‘नो फियर’ बल्लेबाजी की जड़ें सीधे युवराज सिंह की कोचिंग में हैं।

  4. टेक्निकल फाइन-ट्यूनिंग: लेफ्ट-हैंड बल्लेबाज होने के नाते, युवराज ने अभिषेक की तकनीक में छोटे-छोटे लेकिन महत्वपूर्ण सुधार किए, खासकर पावरप्ले में शॉट्स खेलने के तरीके में।

अभिषेक खुद मानते हैं कि युवराज सिंह के बिना उनका यह सफर संभव नहीं था। यह जोड़ी भारतीय क्रिकेट में गुरु-शिष्य परंपरा की एक बेहतरीन मिसाल है।

भारतीय टीम में वापसी और एशिया कप 2025 का सपना

IPL 2024 के शानदार प्रदर्शन के बाद, अभिषेक को जिम्बाब्वे के खिलाफ T20 सीरीज के लिए भारतीय टीम में वापस बुलाया गया। और उन्होंने इस मौके को बिल्कुल बर्बाद नहीं होने दिया। उन्होंने अपने टी20I करियर की पहली पारी में ही शतक जड़ दिया, जिससे साबित हो गया कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।

अब, सभी की नजरें एशिया कप 2025 पर हैं। यह टूर्नामेंट अभिषेक के लिए एक और बड़ा प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है। अगर वह इस फॉर्म को बनाए रखते हैं, तो निश्चित तौर पर वह भारत की टी20 टीम का एक अहम हिस्सा बनेंगे। एशिया कप में पाकिस्तान, श्रीलंका जैसी टीमों के खिलाफ खेलना उनके करियर के लिए एक सुनहरा अवसर होगा।

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