
तेहरान – पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली ख़ामनेई ने अमेरिका को सख्त लहजे में चेतावनी दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि अगर अमेरिका ने इज़रायल का समर्थन करते हुए इस संघर्ष में हस्तक्षेप किया, तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।
यह बयान उस समय आया है जब इज़रायल और ईरान के बीच युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं। अमेरिका ने इज़रायल को सैन्य और कूटनीतिक समर्थन देने का संकेत दिया है। इसी संदर्भ में ईरान ने कहा:
“हम अमेरिका की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं। यदि उसने आग में घी डालने की कोशिश की, तो उसका जवाब पूरे मिडिल ईस्ट में महसूस किया जाएगा।”
अमेरिका की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पेंटागन ने अपनी फौजी तैयारियों को बढ़ा दिया है। अमेरिकी नौसेना के जहाज़ फारस की खाड़ी में तैनात किए गए हैं।
वैश्विक चिंता बढ़ी
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका और ईरान आमने-सामने आए, तो यह तीसरे विश्व युद्ध की आहट बन सकता है।
भारत सरकार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और मध्य पूर्व में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
ईरान के सुप्रीम लीडर की यह चेतावनी एक अहम संकेत है कि यह टकराव केवल इज़रायल और ईरान के बीच नहीं रहेगा। अगर अमेरिका शामिल हुआ, तो यह एक वैश्विक संकट में तब्दील हो सकता है।