बिहार में 2.29 लाख पुलिस भर्ती का ऐलान! नीतीश सरकार का युवाओं को बड़ा तोहफा चुनाव से पहले
पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के युवाओं को एक बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि इस वर्ष के अंत तक 2.29 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाएगी।
भर्ती का मकसद क्या है?
- राज्य की कानून-व्यवस्था को मजबूत करना।
- बढ़ती जनसंख्या और अपराध दर के अनुपात में पुलिस बल की संख्या बढ़ाना।
- बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का अवसर देना।
भर्ती से जुड़े अहम आँकड़े:
विवरण | संख्या |
---|---|
कुल प्रस्तावित पद | 2,29,000 |
विभाग | पुलिस, होमगार्ड, सिपाही, दारोगा |
भर्ती प्रक्रिया | चरणबद्ध (2025 के अंत तक पूरी होगी) |
चुनावी रणनीति या ज़रूरत?
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में भर्ती केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि एक चुनावी रणनीति भी हो सकती है।
इससे युवाओं में रोजगार की उम्मीदें बढ़ेंगी, वहीं नीतीश सरकार को “रोजगार देने वाली सरकार” की छवि भी मिलेगी।
विपक्ष का रुख:
राजद और कांग्रेस ने इस घोषणा को “चुनावी लॉलीपॉप” बताया है।
तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया:
“पिछली भर्तियों का क्या हुआ? सिर्फ घोषणा से कुछ नहीं होता, नियुक्ति ज़मीन पर होनी चाहिए।”
मुख्य आकर्षक बिंदु (Attractive Points):
- इतिहास की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती।
- बेरोजगार युवाओं को सुनहरा मौका।
- चुनाव से पहले युवाओं को साधने की कोशिश।
- बिहार की कानून-व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
निष्कर्ष:
बिहार में 2.29 लाख पुलिस पदों पर भर्ती का ऐलान निस्संदेह एक बड़ा प्रशासनिक और राजनीतिक फैसला है। यह राज्य की सुरक्षा और युवाओं की नौकरी दोनों को एक साथ प्रभावित कर सकता है।