“जब शरीर थक जाता है, तो मन को मजबूत करना पड़ता है – योग ने मुझे यही सिखाया।” – हिना खान
टीवी और फिल्म इंडस्ट्री की चर्चित अदाकारा हिना खान, जिन्होंने अपने अभिनय से लाखों दिल जीते, अब एक और वजह से प्रेरणा बन चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि कैसे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ते समय योग उनका सबसे बड़ा सहारा बना।
कैंसर का डर और हिना की प्रतिक्रिया
जब उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर है, तो उनके जीवन की दिशा ही बदल गई। एक तरफ शरीर की तकलीफ, दूसरी तरफ मानसिक तनाव – लेकिन हिना ने हार नहीं मानी।
“पहले लगा सब खत्म हो गया… लेकिन मैंने खुद को गिरने नहीं दिया। योग ने मेरी सांसों को संभाला और मेरा आत्मबल वापस लौटाया।” – हिना
योग बना जीवन का हिस्सा
कैंसर के इलाज के दौरान उन्होंने नियमित रूप से प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, शवासन और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल किया।
इन चीजों ने की मदद:
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प्राणायाम – सांसों पर नियंत्रण, जिससे मन शांत हुआ
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ध्यान – मानसिक संतुलन और नेगेटिव सोच से मुक्ति
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वज्रासन व शवासन – शरीर की थकावट को आराम
मानसिक स्वास्थ्य में भी मिला लाभ
हिना ने बताया कि दवाइयों और थैरेपी के साथ योग ने उनका emotional healing भी किया।
“जब chemotherapy के बाद मैं खुद को खो चुकी थी, तब सिर्फ 10 मिनट का ध्यान मेरी सोच को बदल देता था।”
योग दिवस पर हिना का संदेश
International Yoga Day 2025 पर हिना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें उन्होंने लिखा:
“मैं चाहती हूं हर वो व्यक्ति जो किसी भी तरह की मानसिक या शारीरिक बीमारी से लड़ रहा है, वह योग को अपनाए। यह सिर्फ एक्सरसाइज नहीं, जीवन की ऊर्जा है।”
निष्कर्ष:
हिना खान की यह कहानी हमें सिखाती है कि योग केवल फिटनेस का माध्यम नहीं, बल्कि जीवन की कठिन परिस्थितियों में आत्मबल का सबसे बड़ा स्त्रोत है। कैंसर जैसी बीमारी को हराने में योग की भूमिका एक मिसाल बन गई है।
🧡क्या आप भी योग से जुड़ना चाहते हैं? आज से शुरुआत कीजिए – सिर्फ 10 मिनट के ध्यान से, खुद को समझने का एक नया रास्ता मिलेगा।