एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य: PM मोदी ने विशाखापट्टनम से दिया वैश्विक योग संदेश!
आज, विशाखापट्टनम के मनमोहक समुद्र तट पर एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 लाख से अधिक लोगों के विशाल जनसमूह के साथ “योग संगम” कार्यक्रम का नेतृत्व किया। यह केवल योग का एक सत्र नहीं था, बल्कि ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ (Yoga for One Earth, One Health) के शक्तिशाली संदेश को दुनिया तक पहुँचाने का एक भव्य मंच था।2
विशाखापट्टनम बना योग की वैश्विक राजधानी!
सुबह की सुनहरी धूप में, बंगाल की खाड़ी के किनारे, लाखों लोगों का एक साथ योग करना एक अद्भुत और अविस्मरणीय दृश्य था। यह नजारा सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया। ड्रोन से लिए गए विहंगम दृश्यों ने इस योग महाकुंभ की भव्यता को और भी स्पष्ट कर दिया, जहाँ हर आयु वर्ग और हर पृष्ठभूमि के लोग एक साथ मिलकर इस प्राचीन विद्या का अभ्यास कर रहे थे।
प्रधान मंत्री मोदी, जो स्वयं योग के एक प्रबल समर्थक और वैश्विक प्रणेता हैं, ने इस आयोजन में व्यक्तिगत रूप से भाग लेकर एक मजबूत संदेश दिया।3 उनका लोगों के बीच बैठकर योग करना, उन्हें प्रेरित करना, यह दर्शाता है कि योग कैसे हर व्यक्ति के लिए सुलभ है, चाहे वह किसी भी पद या स्थिति पर हो। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सॉफ्ट पावर का एक प्रभावशाली प्रदर्शन था।
‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’: योग का सार्वभौमिक आह्वान
इस वर्ष के योग दिवस की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ अत्यंत प्रासंगिक और दूरदर्शी है।4 यह हमें याद दिलाती है कि हमारा व्यक्तिगत स्वास्थ्य हमारे पर्यावरण और पूरे ग्रह के स्वास्थ्य से गहराई से जुड़ा हुआ है। योग केवल शारीरिक और मानसिक कल्याण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने और एक स्वस्थ, टिकाऊ भविष्य के निर्माण के लिए भी प्रेरित करता है।5
यह थीम भारतीय दर्शन के मूल में निहित ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः’ (सभी सुखी हों, सभी निरोगी हों) की भावना को प्रतिध्वनित करती है। PM मोदी ने इस मंच से यह संदेश दिया कि योग एक ऐसा उपकरण है जो हमें वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और एक एकजुट व स्वस्थ दुनिया बनाने में मदद कर सकता है।6 यह दर्शाता है कि कैसे योग व्यक्ति से शुरू होकर, समुदाय और अंततः पूरे ग्रह को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।7
योग की सामूहिक ऊर्जा और प्रेरणा
इतने विशाल जनसमूह द्वारा एक साथ किए गए योग से उत्पन्न होने वाली सामूहिक ऊर्जा का अनुभव करना अपने आप में अद्वितीय था। यह ऊर्जा न केवल उपस्थित लोगों को, बल्कि पूरी दुनिया को योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करेगी। यह कार्यक्रम भारत की योग शक्ति का एक स्पष्ट प्रमाण है और दिखाता है कि कैसे एक प्राचीन भारतीय प्रथा आधुनिक विश्व की जरूरतों के लिए पूरी तरह से प्रासंगिक है।
विशाखापट्टनम में हुआ यह ‘योग संगम’ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक वैश्विक घोषणा थी – एक ऐसी घोषणा जो योग के माध्यम से एक स्वस्थ शरीर, एक शांत मन और एक एकजुट विश्व के निर्माण का आह्वान करती है।8 यह हमें याद दिलाता है कि भले ही हम भौगोलिक रूप से अलग हों, हम सब एक ही पृथ्वी के निवासी हैं और हमारा स्वास्थ्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है।
यह वास्तव में एक ऐतिहासिक क्षण था जिसने योग को एक नए आयाम पर पहुँचाया। क्या आप भी इस योग आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित हुए हैं?