
ईरान और इज़राइल के बीच जारी युद्ध की भयावहता बढ़ती जा रही है। मिसाइल हमले, ड्रोन अटैक और सैन्य कार्रवाई के बीच ईरान में फंसे भारतीय छात्रों के परिजनों की चिंता भी चरम पर है। हालात को गंभीर होता देख भारत सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है और कई छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।
🎓 कितने छात्र फंसे हैं ईरान में?
वर्तमान रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान के विभिन्न शहरों में 1,500 से अधिक भारतीय छात्र, खासकर मेडिकल स्टूडेंट्स, पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से कई छात्र उर्मिया, तेहरान, कोम और मशहद जैसे शहरों में रह रहे हैं जो युद्ध के प्रभाव क्षेत्र में हैं।
🚨 युद्धग्रस्त स्थिति – छात्रों के हालात
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छात्रों ने बताया कि मिसाइल हमले और धमाकों की आवाजें लगातार सुनाई दे रही हैं।
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तेहरान में सायरन और एयर डिफेंस सिस्टम की गूंज से रातों की नींद उड़ चुकी है।
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सुरक्षा के लिहाज़ से छात्रों को बेसमेंट, अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों और सुरक्षित शेल्टरों में रखा गया है।
एक छात्र ने बताया:
“हम 24 घंटे बिजली के बिना, ग्राउंड के नीचे बैठे हैं। सिर्फ एक ही बात दिमाग में है – कैसे जिंदा वापस भारत लौटें।”
🛫 भारत का रेस्क्यू ऑपरेशन
भारत सरकार ने तत्परता दिखाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है:
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उर्मिया से 110 भारतीय छात्रों को आर्मेनिया ले जाया गया।
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वहां से उन्हें एयरलिफ्ट कर भारत वापस लाया जाएगा।
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भारतीय दूतावास ने 24×7 हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम शुरू किया है ताकि बाकी नागरिक भी मदद ले सकें।
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तेहरान से बाहर निकलने की सलाह सभी भारतीयों को जारी कर दी गई है।
📍 कैसे निकाले जा रहे छात्र?
रेस्क्यू के लिए छात्रों को तीन प्रमुख रास्तों से निकाला जा रहा है:
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बसों से कोम और उर्मिया जैसे सुरक्षित शहरों की ओर ले जाया जा रहा है।
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आर्मेनिया और अज़रबैजान के ज़रिए भारत वापसी की व्यवस्था की जा रही है।
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कुछ छात्र खुद भी नीजी वाहनों से सीमाओं की ओर भाग रहे हैं।
🙏 माता-पिता की अपील
कश्मीर, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से छात्रों के माता-पिता ने प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से छात्रों की जल्द से जल्द वापसी की अपील की है। सोशल मीडिया पर भी #BringBackIndianStudents ट्रेंड कर रहा है।
📞 हेल्पलाइन और सहायता
भारतीय दूतावास, तेहरान हेल्पलाइन नंबर:
📞 +98 912 847 9158
📧 cons.tehran@mea.gov.in
🌐 www.indianembassytehran.gov.in
ईरान-इज़राइल युद्ध का संकट लगातार गहराता जा रहा है। ऐसे में भारत का रेस्क्यू ऑपरेशन छात्रों के लिए एक बड़ी राहत है। हालांकि अभी भी सैकड़ों छात्र वहां फंसे हैं और ज़रूरत है त्वरित और समन्वित प्रयासों की, ताकि सभी सुरक्षित भारत लौट सकें।